On September 5, 2024 बिखराव इस कदर बिखरा हूँ कि समेटा ना जाऊंगा, लुटा हूँ इस कदर कि अब लुटा ना जाऊंगा। मिलेगा क्या इन वक़्त के टुकड़ो को जोड़कर, टूटा हुँ मैं इस कदर कि अब जोड़ा न जाऊंगा। मत छोडो मुझे यूं ज़िंदगी के इस तरकश से, निकल गया जो कमान से वापस न आऊंगा। बांध नहीं पाआोगे मुझे किसी दायरों में अब, आसमाँ हूँ तुम्हारा, मैं ज़मीं तक फैल जाऊंगा। मत ढूंढ मुझे यूं होठों पर हंसी की मानिंद, तेरा दर्द हुँ मैं तेरी आँखों में उतर जाऊँगा । Uncategorized Fb. Tw.
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